सुप्रीम कोर्ट ने दिया एतिहासिक निर्णय! देश को आर्थिक संकट से निकाल सकती है गाय!

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राजीव भाई, अखिल भारतीय गौ सेवक संघ, अहिंसा आर्मी ट्रस्ट आदि जैसी संस्थाओ ने 1998 में सुप्रीम कोर्ट मे मुक़द्दमा किया गो हत्या के खिलाफ, क्योकि ऋषियों के इस पवित्र देश भारत में पशु हत्या चरम पर पहुंच रही थी।

भारत मे 3600 कत्लखाने ऐसे है थे जिनके पास गाय काटने का लाइसेन्स था। इसके इलावा 36000 कत्लखाने गैर कानूनी चल रहे थे। प्रति वर्ष ढाई करोड़ गायों का कत्ल किया जाता था। 1 से सवा करोड़ भैंसो का , और 2 से 3 करोड़ सुअरो का, बकरे -बकरियाँ , मुर्गे मुर्गियाँ आदि छोटे जानवरों की संख्या भी करोड़ो मे हैं गिनी नहीं जा सकती !

भारत के थोड़े दिन पहले चीफ जस्टिस रहे श्री RC लाहोटी ने अपनी अध्यक्षता मे 7 जजो की एक constitutional bench बनाई जिसमे 2004 से सितंबर 2005 तक मुकदमे की सुनवाई चली !

गाय काटने वालो के समर्थन में दिए गए तर्क

  • गाय जब बूढ़ी हो जाती है तो बचाने मे कोई लाभ नहीं, उसे कत्ल करके बेचना ही बढ़िया है ! और हम भारत की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं क्योकि गाय का मांस export कर रहे हैं !!
  • भारत मे गाय के चारे की कमी है ! भूखी मरे इससे अच्छा ये है हम उसका कत्ल करके बेचें !
  • भारत मे लोगो को रहने के लिए जमीन नहीं है गाय को कहाँ रखें ?
  • इससे विदेशी मुद्रा मिलती है !

जवाब में राजीव दीक्षित जी ने अपने सारे सारे आंकड़े सुप्रीम कोर्ट मे रखे कि एक गाय को जब काट देते हैं तो उसके शरीर मे से कितना मांस निकलता है ? कितना खून निकलता है ? कितनी हड्डियाँ निकलती हैं ? 

स्वस्थ गाय का वजन तीन से साढ़े तीन कवींटल होता है उसे जब काटे तो उसमे से मात्र 70 किलो मांस निकलता है एक किलो गाय का मांस जब भारत से export होता है तो उसकी कीमत है लगभग 50 रुपए (1998में) । तो 70 किलो का 50 से गुना को ! 70 x 50 = 3500 रुपए ।

खून जो निकलता है वो लगभग 25 लीटर होता है, जिससे कुल कमाई 1500 से 2000 रुपए होती है। फिर हड्डियाँ निकलती है वो भी 30-35 किलो हैं ! जो 1000 -1200 में लगभग बिक जाती है। तो कुल मिलकर एक गाय का जब कत्ल करे और मांस, हड्डियाँ खून समेत बेचें तो सरकार को या कत्ल करने वाले कसाई को 7000 रुपए से ज्यादा नहीं मिलता !!

फिर राजीव दीक्षित द्वारा कोर्ट के सामने जवाब में बात रखी गई की यदी गाय को कत्ल न करे तो क्या मिलता है ? हमने कत्ल किया तो 7000 मिलेगा और अगर इसको जिंदा रखे तो कितना मिलेगा ?

कोर्ट के जज ने कहा how it is possible ?

राजीव दीक्षित द्वारा कहा गया आप हमे समय दीजिये और स्थान दीजिये, तो हम आपको यही सिद्ध करके बताते हैं ! तब कोर्ट ने आदेश दिया तो राजीव भाई ने उनको पूरा करके दिखाया। और कोर्ट से कहा की आई.आर.सी. के वैज्ञानिक को बुला कर और टेस्ट करा लें। तो गाय का गोबर कोर्ट ने भेजा टेस्ट करने के लिए, तो वैज्ञानिको ने कहा की इसमें 18 micro nutrients (पोषक तत्व) है जो सभी खेत की मिट्टी को चाहिए जैसे मैगनीज है, फोस्फोरस है, पोटाशियम है, कैल्शियम, आयरन, कोबाल्ट, सिलिकोन आदि आदि | रासायनिक खाद मे मुश्किल से तीन होते हैं ! तो गाय का खाद, रासायनिक खाद से 10 गुना ज्यादा ताकतवर है ! तब कोर्ट ने वैज्ञानिक आधार मानकर इस बात को स्वीकार किया !

राजीव दीक्षित ने कहा अगर आपके र्पोटोकोल के खिलाफ न जाता हो तो आप चलिये हमारे साथ और देखे कहाँ – कहाँ हम 1 किलो गोबर से 33 किलो खाद बना रहे हैं। राजीव भाई ने कहा मेरे अपने गाँव मे मैं खुद बनाता हूँ। मेरे माता-पिता दोनों किसान है पिछले 15 साल से हम केवल गाय के गोबर से ही खेती करते हैं।

1 किलो गोबर से तो 33 किलो खाद बनता है। आज वर्तमान में (मई 2016) 1 किलो वर्मीकम्पोस्ट खाद का अतंराष्ट्रीय बाजार मे भाव 10 रुपए है ! तो रोज 10 किलो गोबर से 330 किलो खाद बनेगी। जिसे 10 रुपए किलो के हिसाब से बेचें तो 3,300 रुपए रोज का गाय के गोबर से मिलता है।

और गाय के गोबर देने मे कोई sunday नहीं होता weekly off नहीं होता ! हर दिन मिलता है ! तो साल मे कितना ? 3,300 का 365 मे गुना कर लो !

3,300 x 365 = 12,04,500 रुपए ! साल का ! और गाय की सामान्यतया उम्र 20 साल है और वो जीवन के अंतिम दिन तक गोबर देती है !

तो 3,300 x 365 x 20 कर लो आप = 2,40,90,000 रुपये मिल जाएगा वो भी केवल और केवल गोबर से !

हजारो लाखों वर्ष पहले हमारे शास्त्रो मे लिखा है की गाय के गोबर मे लक्ष्मी जी का वास है !!

और मेकोले के मानस पुत्र जो आधुनिक शिक्षा से पढ़ कर निकले हैं जिन्हे अपना धर्म ,संस्कृति – सभ्यता सब पाखंड ही लगता है ! हमेशा इस बात का मज़ाक उड़ाते है, कि हा हा हा गाय के गोबर मे लक्ष्मी !

तो ये सब गौ हत्या को देश का विकास मानने वालों के मुंह परकरारा ताला है ! क्योकि ये बात आज सिद्ध होती है की गाय के गोबर से खेती कर, शुद्ध अनाज उत्पादन कर धन कमाया जा सकता है और पूरे भारत का पेट भी भरा जा सकता है !

अब बात करते हैं मूत्र की रोज का 2/3 दो लीटर ! और इससे ओषधियाँ बनती है diabetes की, arthritis की, bronchitis, bronchial asthma, tuberculosis, ऐसे करके 48 रोगो की ओषधियाँ बनती है। भारतीय देशी गाय के एक लीटर मूत्र की अतंराष्ट्रीय बाजार मे दवा के रूप मे कीमत 500 रुपए है ! वो भी भारत के बाजार मे 100 रुपये ! अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे तो 500 से भी ज्यादा है !

क्या आपको मालूम है ? अमेरिका मे गौ मूत्र patent हो चुका हैं! और अमरीकी सरकार हर साल भारत से लाखों लीटर गाय का मूत्र import करती है और उससे कैंसर की medicine बनाते हैं ! diabetes की दवा बनाते हैं ! और अमेरिका मे गौ मूत्र पर एक दो नहीं 3 patent है ! अमेरिकन market के हिसाब से calculate करे तो 1200 से 1300 रुपए लीटर बैठता है एक लीटर गौ मूत्र। तो गाय के मूत्र से लगभग रोज की 3000 की आमदनी।

और एक साल का 3000 x 365 = 1095000 और 20 साल का 300 x 365 x 20 = 21900000, इतनी कमाई तो गाय के गोबर और मूत्र से हो गई।

और इसी गाय के गोबर से एक गैस निकलती है जिसे मैथेन कहते हैं और मैथेन वही गैस है जिससे आप अपने रसोई घर का सिलंडर चला सकते हैं और जरूरत पड़ने पर गाड़ी भी चला सकते हैं वो भी 4 पहियो वाली गाड़ी भी !

जब कोर्ट में राजीव दीक्षित ने कहा की जैसे LPG गैस से गाड़ी चलती है वैसे गाय के गौबर से बनी मैथेन गैस से भी गाड़ी चलती है ! तब न्यायधीश को विश्वास नहीं हुआ !

राजीव दीक्षित ने जज से कहा आप अगर आदेश दो तो आपकी कार में मेथेन गैस का सिलंडर लगवा देते हैं ! आप चला के देख लो ! उन्होने आदेश दिया और राजीव दीक्षित ने लगवा दिया ! और जज साहब ने 3 महीने गाड़ी चलाई ! और उन्होने कहा its excellent ! क्यूंकि खर्चा आता है मात्र 50 से 60 पैसे/किलोमीटर और डीजल से आता है 7/8 रुपए किलो मीटर ! मेथेन गैस से गाड़ी चले तो धुआँ बिलकुल नहीं निकलता ! डीजल गैस से चले तो धुआँ ही धुआँ! मेथेन से चलने वाली गाड़ी मे शोर बिलकुल नहीं होता ! और डीजल से चले तो इतना शोर होता है कान फट जाएँ। तो ये सब जज साहब की समझ मे आ गया।

फिर राजीव दीक्षित जी के तरफ से सभी ने कहा रोज का 10 किलो गोबर एकठ्ठा करे तो एक साल मे कितनी मेथेन गैस मिलती है ?? और 20 साल मे कितनी मिलेगी और भारत मे 17 करोड़ गाय (1998 में थी अब नहीं है) है सबका गोबर एक साथ इकठ्ठा करे और उसका ही इस्तेमाल करे तो 1 लाख 32 हजार करोड़ की बचत इस देश को होती है ! बिना डीजल, बिना पट्रोल के हम पूरा ट्रांसपोटेशन इससे चला सकते हैं ! अरब देशो से खरीदने की जरूरत नहीं और पट्रोल डीजल के लिए अमेरिका से डालर खरीदने की जरूरत नहीं। अपना रुपया भी मजबूत !

तो इतने सारे calculation जब राजीव दीक्षित ने कर दिया तो सुप्रीम कोर्ट के जज ने मान लिया की गाय की ह्त्या करने से ज्यादा उसको बचाना देश के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी है !

और धार्मिक मुद्दो के तहत जब पुराने दस्तावेज़ निकाले गए तो उससे पता चला कि भारत मे जितने भी मुस्लिम राजा हुए कुछ को छोड़कर बहुतों ने भी गाय का कत्ल नहीं किया (जबकि हिंदुओं का सभी ने किया था) ! इसके उल्टा कुछ मुस्लिम राजाओ ने गायों के कत्ल के खिलाफ कानून बनाए ! उनमे से एक का नाम था बाबर, बाबर ने अपनी पुस्तक बाबर नामा मे लिखवाया है कि मेरे मरने के बाद भी गाय के कत्ल का कानून जारी रहना चाहिए ! उसके पुत्र हुमायु ने भी उसका पालन किया और उसके बाद जितने मुगल राजा हुए सबने इस कानून का पालन किया यहाँ तक की सबसे क्रूर राक्षस राजा ओरंगजेब ने भी।

दक्षिण भारत मे एक राजा था हेदर ली! नरभक्षी टीपू सुल्तान के पिता! उसने एक कानून बनवाया था कि अगर कोई गाय की ह्त्या करेगा तो हैदर उसकी गर्दन काट देगा और हैदर अली ने ऐसे सेकड़ो कसाईयो की गर्दन काटी भी थी जिन्होने गाय को काटा था फिर हैदर अली का बेटा आया टीपू सुलतान तो उसने इस कानून को थोड़ा हल्का कर दिया तो उसने कानून बना दिया की हाथ काट देना ! तो टीपू सुलतान के समय में कोई भी अगर गाय काटता था तो उसका हाथ काट दिया जाता था!

तो ये जब दस्तावेज़ जब कोर्ट के सामने आए तो राजीव भाई ने जज साहब से कहा कि आप जरा बताइये अगर इस्लाम मे गाय को कत्ल करना धार्मिक अधिकार होता तो बाबर तो कट्टर ईस्लामी था 5 वक्त की नमाज पढ़ता था हमायु भी था औरंगजेब तो सबसे ज्यादा कट्टर था ! तो इनहोने क्यूँ नहीं गाय का कत्ल करवाया और क्यूँ ? गाय का कत्ल रोकने के लिए कानून बनवाए ??? क्यूँ हैदर अली ने कहा कि वो गाय का कत्ल करने वाले के हाथ काट देगा ??

सुप्रीम कोर्ट ने दिया judgement बना दिया इतिहास

तो राजीव दीक्षित ने कोर्ट से कहा कि आप हमे आज्ञा दें तो हम ये कुरान शरीफ, हदीस, आदि जितनी भी पुस्तके है हम ये कोर्ट मे पेश करते हैं और कहाँ लिखा है गाय का कत्ल करो ये जानना चाहतें है ! और आपको पता चलेगा कि इस्लाम की कोई भी धार्मिक पुस्तक मे नहीं लिखा है की गाय का कत्ल करो ! हदीस मे तो लिखा हुआ है कि गाय की रक्षा करो क्यूंकि वो तुम्हारी रक्षा करती है ! पैगंबर मुहमद साहब का statement है की गाय अमोल जानवर है इसलिए उस पर दया करो ! और एक जगह लिखा है गाय का कत्ल करोगे तो दोजत मे भी जमीन नहीं मिलेगी ! मतलब जहनुम मे भी जमीन नहीं मिलेगी !!

राजीव दीक्षित ने कोर्ट से कहा अगर कुरान ये कहती है मुहम्मद साहब ये कहते हैं हदीस ये कहती है तो फिर ये गाय का कत्ल धार्मिक अधिकार कब से हुआ ?? पूछो इन कसाईयो से ?? तो कसाई बोखला गए ! और राजीव दीक्षित ने कहा अगर मक्का मदीना मे भी कोई किताब हो तो ले आओ उठा के !!

अंत कोर्ट ने उनको 1 महीने का पर्मिशन दिया की जाओ और दस्तावेज़ ढूंढ के लाओ जिसमे लिखा हो गाय का कत्ल करना इस्लाम का मूल अधिकार है ! हम मान लेंगे !! और एक महीने तक भी कोई दस्तावेज़ नहीं मिला !! कोर्ट ने कहा अब हम ज्यादा समय नहीं दे सकते ! और अंत 26 अक्तूबर 2005 judgement आ गया !! और आप चाहें तो judgement की copy पोस्ट के अंत में से डाउनलोड कर सकते है।

अन्ततः गाय की सच्ची महिमा को स्वीकारते हुए, 66 पन्ने का judgement देकर सुप्रीम कोर्ट ने इतिहास बना दिया और उन्होंने कहा की गाय को काटना संवैधानिक पाप है, धार्मिक पाप है ! सुप्रीम कोर्ट ने कहा की गाय की रक्षा करना और सर्वंधन करना देश के प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्त्तव्य है। सरकार का तो है ही नागरिकों का भी संवैधानिक कर्तव्य है। अब तक जो संवैधानिक कर्तव्य थे जैसे, संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना , क्रांतिकारियों का सम्मान करना , देश की एकता–अखंडता को बनाए रखना आदि आदि, इसमे अब गाय की रक्षा करना भी जुड़ गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा की भारत की 34 राज्यों की सरकार की जिमेदारी है की वो गाय का कतल अपने अपने राज्य में बंद कराये और किसी राज्य में गाय का कतल होता है तो उस राज्य के मुख्यमंत्री की जिमेदारी है राज्यपाल की जावबदारी, चीफ सेकेट्री की जिमेदारी है, वो अपना काम पूरा नहीं कर रहे है तो ये राज्यों के लिए सविधानिक जवाबदारी है और नागरिको के लिए सविधानिक कर्त्तव्य है !!

अब कानून दो शर्त पर बनाये जाते हैं एक जो केद्र सरकार बना सकती है और एक 35 राज्यों की राज्य सरकार बना सकती है अपने अपने राज्यों में !! अगर केंद्र सरकार ही बना दे !! तो किसी राज्य सरकार को बनाने की जरूरत नहीं ! केंद्र सरकार का कानून पूरे देश मे लागू होगा ! तो आप सब केंद्र सरकार पर दबाव बनाये !! जब तक केंद्र सरकार नहीं बनाती तब तक आप अपने अपने राज्य की सरकारों पर दबाव बनाये ! दबाव कैसे बनाना है ???

आपको हजारो, लाखो की संख्या मे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखना है और इतना ही कहना है की 26 अक्तूबर 2005 को जो सुप्रीम कोर्ट का गाय पर judgment आया है उसे लागू करो !! आप अपने-आस पड़ोस, गली गाँव, मुहल्ला, शहर मे लोगो से बात करनी शुरू करे उनको गाय का महत्व समझाये !! देश के लिए गाय का आर्थिक योगदान बताएं ! और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का निवेदन करें !

 

और अंत उस क्रांतिकारी मंगल पांडे ने इतिहास बना वो फांसी पर चढ़ गया लेकिन गाय की चर्बी के कारतूस उसने अपने मुंह से नहीं खोले ! और जिस अंग्रेज़ अधिकारी ने उसको मजबूर किया उसको मंगल पांडे ने गोली मर दी !! तो दीक्षित जी ने कहा था कि हमारी तो आजादी का इतिहास शुरू होता है गौ रक्षा से !! इसलिए गाय की रक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी हमारी आजादी !

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